The smart Trick of हिंदी कहानी That Nobody is Discussing
The smart Trick of हिंदी कहानी That Nobody is Discussing
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दूसरी ओर, कछुआ, खरगोश की तुलना में काफी धीमा था। हालांकि, वह बिना रुके दौड़ लगाता रहा। धीरे–धीरे ही सही पर कछुआ फिनिशिंग लाइन तक पहुँचने में कामयाब रहा, और खरगोश हाथ मलता रह गया।
घने और लम्बे बाल भुजाओं पर बिखर गये.उस नवयुवक की पत्नी बोली- स्वामी ये आपकी बेटी हैं, आपके चले जाने के बाद दुनिया की नजरो से बचाने के लिए मैंने इसका एक बेटे की तरह पालन-पोषण किया.
तुम भूमि के इस छोटे से टुकड़े के लिए अपने अनमोल जीवन को व्यर्थ करने पर तुले हुए हो? यह भूमि न तुम्हारी हैं न तुम्हारी बनेगी.
एक दिन किसी काम के चलते वह उस जमीदार के यहाँ गया.
कुछ फैसला करने से पूर्व मेरे देरी से आने का कारण तो जान लीजिए. शेर गुराया- जो बोलना हैं, जल्दी बोल.
क्योंकि परीक्षा के बाद उन्हें सभी वस्तुएं उनकें मालिक को वापिस करनी थी.
इसलिए कि इन्होने सहकार की भावना से काम किया. खुद भी खाओं दूसरों को भी खिलाओं, जिओं और जीने दो.
सभी ने अपनी अपनी बुद्धि लगाई पर इस समस्या का कोई हल न कर सका.
इस हिंदी में कहानी के कुछ शब्द और वाक्य मायड भाषा (राजस्थानी) के ही हैं.
देथा जी की अन्य लघु कथाएं मैं बातां री फुलवारी,प्रेरणा,सोरठा,रूँख,कबू रानी,बापु के तीन हत्यारे विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं.
तो चलिए बिना किसी देरी के पढ़तें हैं ये मजेदार कहानियां और हाँ रहिएगा आप जरा बचके, कहीं हो न जाएँ लोट पोट हंसी के फव्वारों के साथ।
हंसो हंसाओ,,,,लाइफ बनाओ अनिल कुमार लववंशी "पा ग ल"
कुछ समय बाद वहा से ऊंटों का झुण्ड गुजरा. कुरज ने ह्रदय चिर देने वाली करुण स्वर में विनती की.
दोनों महात्मा जी के चरणों में गिरकर अपनी गलती की क्षमा मांगी. उसी दिन से सबके साथ प्रेम का व्यवहार करते हुए अपने समय को भजन भक्ति में लगाते हुए अपने जीवन सफल करने लगे.